नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मतदाता पहचान से जुड़े दस्तावेजों के उपयोग को लेकर दायर याचिका पर अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी। इससे पहले 10 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से कहा था कि वह आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर ID कार्ड जैसे सुलभ दस्तावेजों को पहचान के लिए मान्य मानने पर विचार करे।
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🔍 क्या है मामला?
यह याचिका उन लोगों की ओर से दायर की गई है जो वोटर लिस्ट में अपने नाम की पुष्टि और पहचान के लिए अधिक सुविधाजनक और आम दस्तावेजों के प्रयोग की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की दलील है कि इन तीन दस्तावेजों (आधार, राशन कार्ड, वोटर ID) का उपयोग आसानी से किया जा सकता है और इससे मतदाता सूची की शुद्धता भी बढ़ेगी।
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⚖️ 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
ECI को सुझाव: कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वो इस विषय पर स्पष्ट रुख रखे कि क्यों ये दस्तावेज पर्याप्त नहीं माने जाते।
प्रभाव का मूल्यांकन करें: अदालत ने यह भी कहा कि इन दस्तावेजों के उपयोग से गरीब और ग्रामीण मतदाताओं को आसानी होगी।
न्यायालय की मंशा: सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मतदाता पहचान के नाम पर किसी भी नागरिक को उसके मताधिकार से वंचित न किया जाए।
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🔜 अब क्या होगा?
28 जुलाई को अगली सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को अपना जवाब और स्पष्टीकरण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। यह सुनवाई चुनाव प्रणाली को और पारदर्शी एवं समावेशी बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।