संवाद
रक्षा बंधन का पर्व भारतवर्ष में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित होता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवन भर बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
🗓 रक्षा बंधन 2025 की तिथि और समय:
तिथि: 9 अगस्त 2025 (शनिवार)
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:
भद्रा समाप्ति के बाद प्रदोष काल में राखी बांधना श्रेष्ठ माना गया है।
शुभ समय: शाम 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (स्थानीय पंचांग अनुसार अंतर हो सकता है)
🕉 भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती?
हिंदू धर्म में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है। इस समय कोई भी शुभ कार्य, जैसे कि राखी बांधना या यज्ञ करना वर्जित होता है। इसलिए हमेशा भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा निभाई जाती है।
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🎁 रक्षा बंधन का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्त्व:
रक्षा बंधन सिर्फ राखी बांधने का दिन नहीं है, यह एक भावनात्मक पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि रिश्ते खून से ही नहीं, प्रेम, विश्वास और कर्तव्य से भी बनते हैं।
भारत के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। कहीं बहनें भाइयों को तिलक लगाकर आरती उतारती हैं, तो कहीं उपहार और मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है।
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🌟 इस रक्षा बंधन पर करें कुछ खास:
1. सिर्फ राखी तक सीमित न रहें, बहनों के सपनों और उनके आत्मसम्मान की भी रक्षा का वादा करें।
2. पर्यावरण के लिए इको-फ्रेंडली राखियां चुनें।
3. अगर आप दूर हैं, तो ऑनलाइन राखी और गिफ्ट्स का सहारा लें और रिश्ते में दूरी न आने दें।
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इस बार 9 अगस्त 2025 को जब राखी का पावन अवसर आए, तो सिर्फ धागा न बांधें, बल्कि भावनाओं का बंधन मजबूत करें।
भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को और गहरा करें – इस रक्षा बंधन पर!
✍️ रिपोर्ट: रोहित कुमार सोनू, संपादक
मिथिला हिन्दी न्यूज