फर्जी वोटर को लेकर पप्पू यादव का बड़ा बयान, बोले – "22 लाख मर गए, 35 लाख गायब और 7 लाख का दो बार पंजीकरण"


संवाद 

बिहार की राजनीति में बेबाक बयानों के लिए मशहूर जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया है कि हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार:

22 लाख वोटर मर चुके हैं,

35 लाख वोटर लिस्ट से गायब हैं,

और 7 लाख मतदाताओं का दो बार पंजीकरण हुआ है।


पप्पू यादव का तंज:

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा,

> "यह सब एक महीने में पता चल गया, लेकिन पिछले 16 सालों में किसी को कुछ पता नहीं चला? अगर सच में इतने फर्जी वोटर हैं तो नरेंद्र मोदी उन्हीं फर्जी वोटों से प्रधानमंत्री बने हैं।"



क्या है मामला?

हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR Draft 2025 और गहन पुनरीक्षण के दौरान लाखों डुप्लिकेट, मृत और विस्थापित वोटरों की पहचान की गई है। इसी को लेकर पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि यह पूरी प्रक्रिया राजनीतिक लाभ और जनमत को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा है।

विपक्ष का हमला, चुनाव आयोग पर सवाल:

पप्पू यादव के इस बयान के बाद विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज हो गई है। कई अन्य दलों ने भी चुनाव आयोग से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की है। पप्पू यादव का आरोप है कि चुनावी फर्जीवाड़े से जन प्रतिनिधियों की वैधता पर सवाल खड़ा होता है।

चुनाव आयोग की ओर से क्या प्रतिक्रिया?

चुनाव आयोग ने अब तक इन बयानों पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन आयोग का दावा है कि डुप्लिकेट और फर्जी वोटरों की पहचान एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे सुधारने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं।

अब देखना होगा कि क्या पप्पू यादव के इस बयान से राजनीतिक बहस और तेज़ होती है, या आयोग और सरकार इस पर कोई ठोस जवाब देती है।



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