जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को मचैल माता मंदिर के मार्ग पर स्थित चशोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 120 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। प्रशासन के अनुसार, करीब 220 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
चशोती, मंदिर मार्ग का ऐसा अंतिम गांव है जहां तक किसी वाहन से पहुंचा जा सकता है। इसके आगे श्रद्धालु पैदल यात्रा कर मंदिर तक पहुंचते हैं। हादसे के बाद आसपास के इलाकों में सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे बचाव दलों को वहां पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।
सूचना मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्री ने इस घटना पर चिंता जताई और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली। वहीं, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे लोगों को निकालने और घायलों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे फिलहाल इस मार्ग से यात्रा न करें और मौसम में सुधार होने तक सुरक्षित स्थानों पर रुकें।
आपदा प्रबंधन विभाग ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने की घोषणा की है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई है।
देशभर से श्रद्धालु इस वार्षिक मचैल माता यात्रा में शामिल होते हैं, ऐसे में इस हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।
– संपादक: रोहित कुमार सोनू, मिथिला हिन्दी न्यूज