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नई दिल्ली। देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा – इस सवाल पर सियासत गरम हो गई है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है। भाजपा और विपक्ष दोनों ही खेमों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन रविवार को होने वाली भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में नए उपराष्ट्रपति के नाम पर मुहर लग सकती है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा इस बार अपने ही अनुभवी और भरोसेमंद नेता को उम्मीदवार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इस सूची में कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें सबसे प्रमुख नाम बिहार के अल्पसंख्यक चेहरे और भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन का है। यदि शहनवाज हुसैन को उम्मीदवार बनाया जाता है तो यह भाजपा की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय को बड़ा संदेश होगा, साथ ही बिहार की सियासत में भी बड़ा बदलाव ला सकता है।
इसके अलावा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन गंगवार और सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद माथुर भी दावेदारों की सूची में शामिल बताए जा रहे हैं। ये सभी नाम भाजपा के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने अलग-अलग पदों पर रहकर पार्टी और सरकार की नीतियों को मजबूत किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा इस बार उपराष्ट्रपति पद पर ऐसे चेहरे को उतार सकती है, जो न केवल संसदीय कार्यप्रणाली का अच्छा जानकार हो, बल्कि सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साध सके। पार्टी को यह भी ध्यान रखना होगा कि 2029 के लोकसभा चुनाव तक उपराष्ट्रपति सदन की कार्यवाही और उच्च पदस्थ संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
अब देखना यह होगा कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक से किस नाम पर सहमति बनती है और विपक्ष किस उम्मीदवार को उतारता है। फिलहाल सियासी पारा चढ़ा हुआ है और देश की निगाहें रविवार को होने वाली भाजपा बैठक पर टिकी हैं।
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