लगातार 11 साल से केंद्र की सत्ता से बाहर रही कांग्रेस अब नई रणनीति की तलाश में है। पार्टी नेता राहुल गांधी ने दलितों और पिछड़ों की राजनीति के सहारे संगठन में नई जान फूंकने की कोशिश तेज कर दी है।
पटना में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद बुधवार को राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव और विपक्षी महागठबंधन के नेताओं के साथ मिलकर अति पिछड़ी जातियों (EBC) के लिए 10 वादों का संकल्प पत्र जारी किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में अति पिछड़े समाज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस का यह कदम सीधे तौर पर जेडीयू और एनडीए की राजनीति को चुनौती देने वाला है।
सबसे बड़ा संकेत यह माना जा रहा है कि राहुल गांधी 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी में अब प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण जैसे एजेंडे को भी सामने ला सकते हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लगातार हार झेल रही कांग्रेस इस बार सामाजिक समीकरणों पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में दिख रही है।
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