नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा से शक्ति, साहस और मानसिक संतुलन की प्राप्ति होती है। यहां घर पर आसानी से की जाने वाली पूजा की पूरी विधि दी जा रही है।
🔹 आवश्यक सामग्री
- पीले रंग के वस्त्र पहनें
- मां की मूर्ति या चित्र
- दीपक और अगरबत्ती
- कमल, गुलाब और गेंदा के फूल
- गुड़, चना, चावल, मिश्री
- हलवा, लड्डू या खीर जैसी मिठाई
- नारियल, पान, सिंदूर और अक्षत (चावल)
- पीले रंग की कोई ड्रेस या दुपट्टा देवी को चढ़ाने के लिए
🔹 पूजा का समय
- सुबह या शुभ मुहूर्त में पूजा करना उत्तम माना जाता है।
- अगर संभव हो तो प्रातःकाल सूर्योदय के समय करें।
🔹 पूजा विधि
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स्थान की सफाई:
पूजा स्थान को स्वच्छ करें और पीला कपड़ा बिछा दें। -
मूर्ति या चित्र स्थापना:
मां चंद्रघंटा की मूर्ति या तस्वीर को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। -
दीपक और अगरबत्ती:
दीपक जलाकर देवी के सामने रखें और अगरबत्ती जलाएं। -
फूल और अक्षत अर्पण:
कमल, गुलाब और गेंदा के फूल देवी को चढ़ाएं। अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। -
भोग अर्पण:
हलवा, लड्डू, खीर और अन्य मिठाई, फल, गुड़, चना आदि चढ़ाएं। -
प्रार्थना और मंत्र:
भक्ति भाव से निम्न मंत्र का जाप करें:मंत्र:
ॐ चंद्रघंटायै नमः Om Chandraghantayai Namah -
आरती:
पूजा के अंत में दीपक घुमाकर आरती करें और देवी से अपने परिवार की सुख-समृद्धि, साहस और सुरक्षा की प्रार्थना करें। -
प्रसाद वितरण:
भोग के रूप में अर्पित मिठाई और फल परिवार और मित्रों में वितरित करें।
🔹 विशेष उपाय
- पीला रंग पहनने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- पूजा के दौरान शांति और भक्ति भाव बनाए रखें।
- माता चंद्रघंटा की आराधना से भय और संकट से मुक्ति मिलती है।