पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची (SIR) से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 1 सितंबर की समयसीमा खत्म होने के बाद भी वोटरों के दस्तावेज़ स्वीकार किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से बाहर नहीं रहना चाहिए। इसलिए जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में डिलीट कर दिए गए हैं या जिनका नाम किसी कारणवश जुड़ नहीं पाया है, वे अब भी अपने दस्तावेज़ जमा करवा सकते हैं।
इस आदेश से लाखों ऐसे मतदाताओं को राहत मिलेगी, जो समय रहते दावा-आपत्ति दर्ज नहीं करा पाए थे। अब उन्हें फिर से नाम जोड़वाने का अवसर मिलेगा।
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