बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी महागठबंधन में दरार की खबर सामने आई है। साझा चुनावी घोषणा पत्र को लेकर घटक दलों में मतभेद खुलकर उभर आए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और आरजेडी का आमना-सामना वाम दलों (सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई-एमएल) से हो गया है। लेफ्ट पार्टियां चाहती हैं कि महागठबंधन के संकल्प पत्र में बंदोपाध्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया जाए। इस रिपोर्ट में जातिगत आधार पर सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ाने की सिफारिशें की गई हैं।
लेकिन कांग्रेस और आरजेडी इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने से बच रही हैं। माना जा रहा है कि इन दलों को डर है कि इससे कुछ जातीय समूहों की नाराज़गी बढ़ सकती है और एनडीए को राजनीतिक फायदा मिल सकता है।
यह मतभेद साफ संकेत दे रहा है कि महागठबंधन के भीतर रणनीति और प्राथमिकताओं को लेकर गंभीर असहमति है। आने वाले दिनों में यह टकराव और गहराने पर चुनावी समीकरण पर बड़ा असर डाल सकता है।
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