पटना। बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ तब आया जब जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई। इसमें उन्हें भारतीय जनता पार्टी और वामपंथी पार्टियों का सहयोग मिला।
लालू प्रसाद यादव ने बिना किसी बड़े विरोध के पूरे पांच साल तक सरकार चलाई और राज्य की राजनीति में अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया। यह वह दौर था जब कांग्रेस की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही थी और क्षेत्रीय दलों का दबदबा बढ़ रहा था।
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। इससे पहले वे ही मुख्यमंत्री थे और राज्य की राजनीति में उनका प्रभाव काफी मजबूत था।
लालू प्रसाद यादव का यह कार्यकाल बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन और सामाजिक न्याय की राजनीति के उदय का प्रतीक माना जाता है।
👉 बिहार की राजनीति के ऐसे ऐतिहासिक अध्याय पढ़ते रहिए मिथिला हिन्दी न्यूज।