बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा है कि संविधान हर नागरिक को अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की आज़ादी देता है। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि यदि धर्म प्रचार की आड़ में समाज या देश को नुकसान पहुंचने लगे तो यह गलत है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मांझी ने आगे कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां हर धर्म का सम्मान है और सबको बराबर अधिकार प्राप्त है। मगर अगर धर्म प्रचार की गतिविधियां समाज में वैमनस्य या हिंसा फैलाने लगें, तो यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ होगा।
बिहार की सियासत में मांझी के इस बयान को खास माना जा रहा है, क्योंकि हाल के दिनों में धर्म और राजनीति को लेकर बयानबाज़ी का दौर तेज़ है।
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