सारण। जलालपुर प्रखंड के किसानों के लिए इस साल मडुआ की फसल उम्मीद से कहीं बेहतर रही है। खेतों में लहलहाते मडुआ के पौधे इस बात की गवाही दे रहे हैं कि अगर मौसम का साथ मिले और किसानों को समय पर सहयोग मिल जाए, तो मोटे अनाज (मिलेट्स) खेती और सेहत दोनों में क्रांति ला सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रखंड की 15 पंचायतों में औसतन 22 एकड़ भूमि पर मडुआ की खेती की गई है। किसानों का कहना है कि इस बार पैदावार अच्छी हुई है, जिससे उनकी आय बढ़ने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पोषक अनाज की उपलब्धता भी बढ़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोटे अनाज जैसे मडुआ, ज्वार, बाजरा और कोदो न सिर्फ किसानों के लिए लाभकारी हैं, बल्कि पोषण के लिहाज से भी बेहद अहम हैं। यही वजह है कि सरकार भी इनके उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
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