रोहित कुमार सोनू
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद राज्य में नई सरकार गठन की तैयारी अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे।
20 नवंबर को नीतीश कुमार के साथ 20 मंत्री लेंगे शपथ
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल के गठन पर एनडीए के घटक दलों के बीच सहमति बन गई है। पहले चरण में 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, जबकि दूसरे चरण में 14 और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। कुल मिलाकर नीतीश कुमार की नई सरकार में 34 मंत्री होंगे।
मंत्रालय बंटवारे का फॉर्मूला तय
एनडीए में मंत्रालयों का वितरण “6 विधायक = 1 मंत्री” के फार्मूले पर आधारित होगा। इसी अनुपात में हर दल के कोटे का निर्धारण किया गया है।
- बीजेपी – 15 मंत्री
- जदयू – 14 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित)
- लोजपा (रामविलास) – 3 मंत्री
- हम (HAM) – 1 मंत्री
- आरएलएम (RLM) – 1 मंत्री
बीजेपी कोटे से संभावित मंत्री
एनडीए के भीतर चर्चाओं में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं के नाम तेजी से आगे आ रहे हैं। संभावित सूची इस प्रकार है:
- सम्राट चौधरी
- रामकृपाल यादव
- नितिन नवीन
- मंगल पांडे
- हरि सहनी
- विजय सिन्हा
- सुनील कुमार पिंटू
- संजय सरवागी
इन नेताओं को महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा दिया जा सकता है।
जदयू कोटे से संभावित मंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अनुभवी और नए चेहरों के संतुलन के साथ मंत्रिमंडल तैयार कर रहे हैं। चर्चाओं में यह नाम प्रमुख हैं—
- विजय चौधरी
- बिजेंद्र प्रसाद यादव
- श्रवण कुमार
- अशोक चौधरी
- लेशी सिंह
- जमा खान
- उमेश कुशवाहा
- प्रो. नागेंद्र राउत
- मदन सहनी
- जयंत राज
- सुनील कुमार
इनमें से कई वर्तमान में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा रहे हैं और निरंतर प्रदर्शन के आधार पर इन्हें पुनः जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
सहयोगी दलों का प्रतिनिधित्व
एनडीए के अन्य दलों को भी मंत्रिमंडल में बराबर की भागीदारी दी जा रही है।
एलजेपी (आर)
- राजू तिवारी
- संजय पासवान
- राजीव रंजन सिंह (डेहरी)
HAM (हम)
- संतोष सुमन (जीतन राम मांझी के पुत्र)
RLM (आरएलएम)
- स्नेहलता कुशवाहा (उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी)
इन नेताओं को मंत्री पद देकर एनडीए यह संदेश देना चाहता है कि सभी घटक दलों की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी।
नई सरकार का स्वरूप लगभग तय है और 20 नवंबर को बिहार एक बड़े राजनीतिक आयोजन का गवाह बनेगा। नीतीश कुमार की नई कैबिनेट से प्रशासनिक स्थिरता और सुशासन की नई उम्मीदें जुड़ी हैं। एनडीए की कोशिश है कि विभिन्न सामाजिक वर्गों, क्षेत्रों और सहयोगी दलों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
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