संवाद
समस्तीपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और टक्कर भरा है।
मिथिला हिन्दी न्यूज एग्जिट पोल 2025 के मुताबिक, एनडीए सात सीटों पर आगे है, जबकि महागठबंधन तीन सीटों पर मजबूती से टिका हुआ है।
इस बार स्थानीय मुद्दे, जातीय समीकरण और बगावती प्रत्याशी चुनावी नतीजों की दिशा तय कर सकते हैं।
🔹 कल्याणपुर में सीपीआई(एम) का वोट बंटा, जदयू को फायदा
पत्रकार संजीव नैपुरी के अनुसार, कल्याणपुर में जदयू और सीपीआई(एम) के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन जन सुराज के मैदान में उतरने से सीपीआई(एम) का वोट बंट गया, जिसका सीधा फायदा जदयू को मिला।
🔹 वारिसनगर में विकास फैक्टर से एनडीए को बढ़त
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद कुमार साह का कहना है कि वारिसनगर में मतदाता विकास देखकर जदयू को वोट दे रहे हैं।
सीपीआई(एम) और जन सुराज का प्रभाव लगभग खत्म हो चुका है, जिससे जदयू की स्थिति मजबूत है।
📊 समस्तीपुर जिले की 10 सीटों का पार्टीवार अनुमान (एग्जिट पोल 2025):
| पार्टी | अनुमानित सीटें |
|---|---|
| जदयू (NDA) | 5 |
| बीजेपी (NDA) | 2 |
| राजद (महागठबंधन) | 2 |
| सीपीआई (एम) | 1 |
🔹 मुख्य विधानसभा सीटों पर स्थिति
समस्तीपुर विधानसभा:
यहाँ जदयू को अपने प्रत्याशी की मजबूत छवि का लाभ मिल रहा है। वहीं, राजद विधायक के खिलाफ नाराजगी जनता में साफ दिखाई दे रही है।
उजियारपुर:
यहाँ जन सुराज प्रत्याशी की छवि ने एलजेपी (रामविलास) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस कारण से राजद मामूली अंतर से जीत सकती है।
मोरवा:
यह सीट जदयू के लिए मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन निर्दलीय अभय सिंह के मैदान में उतरने से वोट बंट गए हैं।
इससे राजद को फायदा मिल सकता है।
सरायरंजन:
यहाँ शुरुआत में राजद की स्थिति मजबूत थी, मगर निर्दलीय कुणाल और डॉ. अमरेंद्र सिंह की मौजूदगी से समीकरण बदल गए हैं।
अब यहाँ जदयू को बढ़त मिलती दिख रही है।
मोहिउद्दीननगर:
यहाँ जन सुराज प्रत्याशी की वजह से बीजेपी की राह आसान हो गई है।
राजद प्रत्याशी की विवादित छवि और मतदाता असंतोष ने एनडीए को फायदा पहुंचाया है।
विभूतिपुर:
यहाँ राजद और जन सुराज के बीच वोट बंटने से सीपीआई(एम) को अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है।
रोसड़ा:
कांग्रेस प्रत्याशी के बाहरी होने और सीपीआई(एम) उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से बीजेपी को फायदा मिल रहा है।
हसनपुर:
पिछली बार तेज प्रताप यादव के कारण जदयू को हार मिली थी, लेकिन इस बार राजद के वोट बैंक में सेंध लगाकर जदयू बाजी मार सकती है।
🟩 राजनीतिक समीकरण का सार
समस्तीपुर में इस बार भी एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है।
जहाँ जदयू प्रत्याशी स्थानीय और विकास मुद्दे पर मजबूत हैं, वहीं महागठबंधन जातीय समीकरण और युवा चेहरों के सहारे टिके हैं।
जन सुराज और निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी कई सीटों पर नतीजों को प्रभावित कर सकती है।
कुल मिलाकर, समस्तीपुर में सत्ता का रुख एनडीए की ओर झुका हुआ नजर आ रहा है।
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