बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद मंगलवार शाम कई एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल जारी कर दिए। इनमें ज्यादातर सर्वे एनडीए और नीतीश कुमार की वापसी का अनुमान लगा रहे हैं।
हालांकि, कुछ सर्वेक्षणों में यह भी कहा गया है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना बनी हुई है। यानी मुकाबला इस बार भी काफी कड़ा और दिलचस्प नजर आ रहा है।
एग्जिट पोल जारी करने वाली नई, पुरानी और कई गुमनाम एजेंसियों के बीच आंकड़ों में भारी अंतर देखने को मिला है। वहीं, सबसे चर्चित सर्वे संस्थाएं — एक्सिस माय इंडिया और टुडेज चाणक्य — अपने एग्जिट पोल के आंकड़े बुधवार (आज) जारी करेंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एग्जिट पोल के नतीजों को सावधानी से देखना चाहिए, क्योंकि बिहार में इससे पहले के दोनों चुनावों में सर्वे एजेंसियों के अनुमान गलत साबित हुए थे।
वर्ष 2020 में एक्सिस माय इंडिया और टुडेज चाणक्य जैसे नामी संस्थानों के आंकड़े फेल हुए थे।
वर्ष 2015 के चुनाव में भी एग्जिट पोल और वास्तविक नतीजों में बड़ा अंतर देखने को मिला था।
ऐसे में इस बार के एग्जिट पोल को लेकर जनता और राजनीतिक दल दोनों ही सतर्क रुख अपना रहे हैं। अब सबकी निगाहें 12 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं, जब बिहार की सत्ता का असली फैसला सामने आएगा।
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