बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कई दृष्टियों से ऐतिहासिक रहा। इस बार मतदाताओं ने मतदान प्रतिशत के स्वतंत्रता के बाद के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारी मतदान ने चुनाव को और भी खास बना दिया।
एनडीए गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रचंड बहुमत तो हासिल किया, लेकिन साल 2010 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से मात्र 5 सीट पीछे रह गया, जब अकेले बीजेपी–जेडीयू ने मिलकर 206 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
चुनाव में एक और बड़ा रिकॉर्ड बना — पहली बार बिहार विधानसभा में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं पहुंच पाया।
यह स्थिति अभूतपूर्व है क्योंकि:
एक समय ऐसा भी था जब एक ही चुनाव में 33 निर्दलीय विधायक विधानसभा में पहुंचे थे।
साल 2000 के बाद से निर्दलीयों की संख्या लगातार गिरती गई।
2020 के चुनाव में यह संख्या घटकर 1 रह गई,
और 2025 में इतिहास में पहली बार 0 पर पहुंच गई।
यह साफ संकेत है कि मतदाता अब संगठित राजनीतिक दलों पर अधिक भरोसा जता रहे हैं और स्वतंत्र उम्मीदवारों पर उनकी निर्भरता लगभग समाप्त होती दिख रही है।
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