पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में 238 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने और 3.34% वोट शेयर हासिल करने के बावजूद जन सुराज पार्टी (जेएसपी) एक भी सीट नहीं जीत सकी। हालांकि, पार्टी के प्रदर्शन ने कई जगहों पर चुनावी समीकरण बदल दिए। आंकड़ों के अनुसार, जेएसपी 129 सीटों पर तीसरे नंबर पर रही, 73 सीटों पर चौथे नंबर पर, जबकि एक सीट पर दूसरे स्थान तक पहुंच गई।
सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि जन सुराज को मिले वोटों ने 35 विधानसभा सीटों पर नतीजे बदल दिए, यानी वहां पर जेएसपी के वोटों ने मुख्य प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के बीच जीत-हार का अंतर प्रभावित किया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नए दल के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि उसकी पकड़ कई क्षेत्रों में तेज़ी से बढ़ी है।
चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा,
“वोट नहीं मिलना कोई गुनाह नहीं है। लेकिन हमने न जाति का ज़हर घोला, न धर्म का। हमसे जितना हो सकता था, बिहार की भलाई के लिए काम किया है। हम कहीं नहीं जा रहे हैं, आगे भी बिहार में डटकर काम करते रहेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज का उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार में दीर्घकालिक सामाजिक-राजनीतिक बदलाव लाना है।
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