बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM को मिली अप्रत्याशित सफलता के बाद पार्टी सुप्रीमो और सांसद असदुद्दीन ओवैसी अब सार्वजनिक रूप से समर्थकों का आभार जताने में जुट गए हैं। पार्टी को इस चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिली है, जिसके बाद वे दो दिवसीय धन्यवाद यात्रा के तहत किशनगंज और सीमांचल के अन्य इलाकों में पहुंचे।
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🔹 ओवैसी बोले — “सीमांचल को अब आवाज मिली है”
दूसरे दिन शनिवार को मंच से जनता को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा—
> “सीमांचल की आवाज अब विधानसभा में बुलंद होगी। आपने जो भरोसा दिया है, हम ताउम्र आपके हक़ और न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह जीत सिर्फ सीटों की नहीं बल्कि लोगों की भावनाओं और वंचित समुदाय की सत्ता में भागीदारी का प्रतीक है।
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🔹 विधायक को दी सख्त नसीहत
सभा के दौरान ओवैसी ने अपने चुने गए विधायक अख्तरूल ईमान को जनता के सामने ही चेतावनी देते हुए कहा—
> “आप हफ्ते में कम से कम दो दिन ब्लॉक में बैठेंगे। जनता ने आपको प्रतिनिधि बनाया है, इसलिए जनता के बीच रहकर काम करना होगा।”
इस पर मौजूद भीड़ ने तालियों से अपनी सहमति जताई।
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🔹 नीतीश सरकार को समर्थन पर रखी शर्त
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि वे नई नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने शर्त रखी—
> “सरकार को सीमांचल को न्याय देना होगा। सिर्फ पटना और राजगीर नहीं, सीमांचल में भी विकास होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि सीमांचल में बाढ़, नदी कटाव, पलायन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।
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🔹 समर्थन भाजपा-एनडीए के लिए सियासी चुनौती?
AIMIM के समर्थन का संकेत मिलने से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की सुगबुगाहट बढ़ गई है। ओवैसी की यह शर्त सरकार के सामने एक नया राजनीतिक दबाव मानी जा रही है।
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