बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक हर कोई हैरान है। चुनाव प्रचार और दो चरणों की वोटिंग के दौरान यह कहीं से महसूस नहीं हुआ कि एनडीए के पक्ष में इतनी बड़ी लहर चल रही है। महज 40 दिनों की पूरी चुनावी प्रक्रिया में सियासी विश्लेषक, पत्रकार और यहां तक कि बीजेपी चाणक्य माने जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह भी इस आंधी का सही अनुमान नहीं लगा पाए।
अमित शाह ने चुनाव के दौरान दावा किया था कि एनडीए 160 सीटों के आसपास बहुमत हासिल कर लेगा। लेकिन नतीजे जब सामने आए तो आंकड़ा दो सौ के पार निकल गया। इससे यह साफ होता है कि जमीन पर एनडीए के पक्ष में जो माहौल था, उसे न तो एग्जिट पोल पकड़ पाए और न ही राजनीतिक विशेषज्ञ।
पत्रकारों का भी कहना है कि चुनावी सभाओं में भीड़ तो दिख रही थी, लेकिन इतनी भारी समर्थन लहर गहरे अंदर तक चल रही है, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। चुपचाप मतदान केंद्रों तक पहुंचने वाले मतदाताओं ने परिणामों में अपनी पसंद साफ कर दी और एनडीए को प्रचंड बहुमत दिलाया।
बिहार की राजनीति में यह नतीजे कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुए हैं और आने वाले दिनों में राजनीतिक समीक्षक इन चुनावों को एक बड़े अध्ययन का विषय मान रहे हैं।
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