मुजफ्फरपुर में टूटा मिथक: मंत्री बनने के बाद अगला चुनाव हारने की परंपरा बदली


संवाद 

बिहार की राजनीति में लंबे समय से माना जाता रहा है कि मंत्री बनने के बाद अगला चुनाव जीतना मुश्किल होता है। लेकिन मुजफ्फरपुर जिले में इस बार यह मिथक आंशिक तौर पर टूट गया है।

कुढ़नी सीट से केदार प्रसाद गुप्ता और साहेबगंज से राजू सिंह ने चुनाव जीतकर इस राजनीतिक मान्यता को चुनौती दी है। दोनों नेताओं ने मंत्री बनने के बाद भी अपनी सीट बचाने में सफलता हासिल की।

हालाँकि, कांटी विधानसभा सीट पर यह मिथक कायम रहा, जहां मंत्री रहे इसराइल मंसूरी को हार का सामना करना पड़ा।
मुजफ्फरपुर जिले में इससे पहले कई पूर्व मंत्री अगले चुनाव में हारते आए हैं, जिससे यह धारणा और मजबूत होती गई थी। लेकिन इस बार दो नेताओं की जीत ने यह साबित कर दिया कि जनता विकास और कामकाज के आधार पर अपने प्रतिनिधि चुनने का मन भी बना सकती है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह परिणाम जिले की राजनीति में नई दिशा और नया संदेश देता है।

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