नालंदा के रहुई थाना क्षेत्र के शिवनंदन नगर गांव में मंगलवार को माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया, जब प्रशासन ने हाई कोर्ट के सख्त निर्देश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। भारी पुलिस बल, मजिस्ट्रेट और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जैसे ही बुलडोजर गरजा, लोगों का दिल दहल उठा।
गरीब परिवारों ने सालों की मेहनत, खून-पसीना बहाकर तिनका-तिनका जोड़कर जो आशियाना बनाया था, वह कुछ ही मिनटों में मलबे में बदल गया। अपने घर टूटते देख महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की चीख-पुकार गूंज उठी। कई लोग प्रशासन से हाथ जोड़कर रहम की गुहार लगाते नजर आए, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के सामने प्रशासन भी बेबस दिखा।
प्रशासन का कहना है कि ये अभियान वर्षों से लंबित अतिक्रमण विवाद को खत्म करने के लिए चलाया गया। प्रभावित लोगों को पहले ही नोटिस देकर अवगत करा दिया गया था, बावजूद इसके कई परिवारों ने घर खाली नहीं किया, जिसके बाद यह कार्रवाई अनिवार्य हो गई।
घटनास्थल पर दिनभर मायूसी का माहौल बना रहा। टूटे घरों के बीच खड़े परिवार अपने उजड़े सपनों को निहारते रहे। कई लोग यह कहते हुए बिलख पड़े कि “हमारी जिंदगी की सारी जमा-पूंजी इसी घर में लगी थी, अब हम जाएं तो जाएं कहां…”
मौके पर सुरक्षा बल लगातार तैनात हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को आगे सरकारी योजनाओं से मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया है।
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