बिहार में अब फर्जी या गलत दस्तावेज़ देकर शिक्षक नौकरी पाने वालों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने टीआरई-1, टीआरई-2 और टीआरई-3 के तहत बीपीएससी से नियुक्त मौजूदा सभी विद्यालय अध्यापकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण (प्रशैक्षणिक) दस्तावेजों की जांच एक महीने के भीतर कराने का निर्देश दिया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सज्जन आर ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को पत्र जारी कर स्पष्ट कहा है कि:
सभी नियुक्त शिक्षकों की शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक योग्यता,
अनुभव प्रमाणपत्र,
तथा नियुक्ति से संबंधित अनिवार्य दस्तावेज़ों की संपूर्ण जांच की जाए।
जांच में गड़बड़ी मिली तो होगी कार्रवाई
विभाग ने साफ कर दिया है कि यदि किसी भी शिक्षक के दस्तावेज़ में त्रुटि, फर्जीवाड़ा या गलत प्रमाणपत्र पाए जाते हैं तो उनकी सेवा तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।
शिक्षा विभाग लंबे समय से दस्तावेज़ सत्यापन में तेजी लाने पर जोर दे रहा है, ताकि सिस्टम में घुस आए फर्जी नियुक्तियों को खत्म किया जा सके।
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