बिना चुनाव मंत्री बने दीपक प्रकाश कुशवाहा पर सियासी घमासान, बोले—“नए नहीं, बचपन से राजनीति सीखी है”


संवाद 

बिहार में नीतीश सरकार 10.0 के गठन के बाद एक चेहरे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। पंचायती राज मंत्री बनाए गए दीपक प्रकाश कुशवाहा चर्चा में हैं। बिना चुनाव लड़े उन्हें राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) कोटे से मंत्री पद दिए जाने के बाद विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया तक सवाल उठने लगे।

खास बात यह रही कि यह वही दल है जिसका नेतृत्व उपेंद्र कुशवाहा करते हैं और जो वर्षों से परिवारवाद के खिलाफ राजनीति की बात करते रहे हैं। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से ही उनके पुत्र दीपक प्रकाश की मंत्री पद पर एंट्री ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है।

दीपक प्रकाश का जवाब — “योग्यता देखें, परिवार नहीं”

विवाद बढ़ने पर मंत्री दीपक प्रकाश कुशवाहा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा—

> “मैं राजनीति में नया नहीं हूँ। बचपन से पिता को राजनीति करते देखता आया हूँ। राजनीति में अनुभव और समझ रखता हूँ। लोग परिवारवाद कह रहे हैं, जबकि बात मेरी योग्यता की होनी चाहिए।”



उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जिम्मेदारी दी गई है और वे जनता के भरोसे पर खरा उतरेंगे।

विपक्ष का हमला

विपक्षी दलों ने इसे भाई-भतीजावाद और सत्ता वितरण की राजनीति बताया है। सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल कर रहे हैं कि बिना विधायक बने मंत्री बनाए जाने के पीछे योग्यता है या रिश्तेदारी।

आगे क्या?

नियमों के अनुसार दीपक प्रकाश कुशवाहा को 6 महीने के भीतर या तो विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी या पद छोड़ना होगा। ऐसे में सभी की निगाहें आने वाले राजनीतिक घटनाक्रम पर टिकी हैं।


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