पटना: बिहार की नई सरकार के गठन के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। एनडीए ने आधिकारिक तौर पर सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी है। दोनों नेताओं की ताजपोशी को एनडीए की व्यापक रणनीति और जातीय–क्षेत्रीय संतुलन का हिस्सा माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले से एनडीए ने अपने मजबूत गढ़ों को और विस्तार देने के साथ-साथ उन इलाकों को भी बड़ा प्रतिनिधित्व दिया है, जहां गठबंधन को भारी सफलता मिली है।
पूर्वी बिहार को मिला बड़ा तोहफा
चुनाव में एनडीए की एकतरफा जीत का केंद्र रहे पूर्वी बिहार को इस फैसले से खास लाभ मिला है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में मिली भारी जीत के बाद एनडीए ने राजनीतिक संदेश देने के लिए इसे शीर्ष नेतृत्व में मजबूत प्रतिनिधित्व दिया है। इससे इलाके में सियासी ऊर्जा और संगठनात्मक मजबूती और बढ़ने की उम्मीद है।
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—दोनों नेताओं की संगठन क्षमता, राजनीतिक अनुभव और क्षेत्रीय पकड़ ने उन्हें इस अहम जिम्मेदारी तक पहुंचाया है। नई सरकार में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी, खासकर विधायी समन्वय और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में।
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