बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद RJD के भीतर मचे घमासान ने प्रदेश की सियासत को हिला दिया है। लालू प्रसाद यादव के परिवार में छिड़ी कलह, खासकर उनकी बेटी रोहिणी आचार्य की सोशल मीडिया पोस्ट और बयानबाज़ी ने पूरे मामले को और गरमा दिया है। लगातार तीखे बयानों के बीच अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है।
सोमवार को पटना स्थित तेजस्वी यादव के सरकारी आवास — एक पोलो रोड — पर RJD विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति ने पूरे राजनीतिक माहौल को और भी दिलचस्प बना दिया। माना जा रहा है कि बैठक में चुनावी हार के कारणों पर गंभीर चर्चा हुई, साथ ही पार्टी की अंदरूनी खींचतान और परिवार में उपजी तकरार को सुलझाने के प्रयास भी किए गए।
रोहिणी आचार्य की लगातार नाराज़गी और सोशल मीडिया पर उनके तीखे हमलों ने RJD के अंदरूनी असंतोष को सार्वजनिक कर दिया है। दूसरी ओर, तेजप्रताप यादव भी लगातार तीखी प्रतिक्रियाएं देते हुए "जयचंदों" का जिक्र कर रहे हैं और कार्रवाई की चेतावनी भी दे चुके हैं। इससे यह स्पष्ट है कि चुनावी हार ने न सिर्फ संगठन, बल्कि परिवार में भी कई पुराने जख्म उभार दिए हैं।
कहा जा रहा है कि लालू यादव ने बैठक में सभी नेताओं और परिवार के सदस्यों को संयम रखने और पार्टी की एकजुटता बनाए रखने की सलाह दी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि RJD के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को टूट से बचाना और जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता बहाल करना है।
बिहार की राजनीति में लालू परिवार की भूमिका हमेशा से अहम रही है, ऐसे में यह कलह आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति और अस्तित्व दोनों पर असर डाल सकती है।
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