बिहार सरकार ने राशन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए अब तक की सबसे বড় वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू कर दी है। इस ड्राइव के पहले चरण में ही 54 लाख से अधिक नाम राशन कार्ड से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं।
कैसे पकड़ी गई गड़बड़ी?
आधार लिंकिंग और डिजिटलीकरण के बाद
विभिन्न विभागों के डेटा को क्रॉस–वेरिफाई किया गया
बड़ी संख्या में डुप्लीकेट, फर्जी और अयोग्य लाभार्थियों के नाम सामने आए
कई कार्डों पर एक ही व्यक्ति के नाम से कई जगह राशन लेना पाया गया
कौन-कौन हटाए जाएंगे?
जिनका आधार लिंक नहीं है
जिनके नाम दो या अधिक जिले/वार्ड में दर्ज हैं
जिनकी आर्थिक स्थिति सरकारी मानकों से ऊपर है
जो राज्य से बाहर रहते हुए भी बिहार में राशन ले रहे थे
सरकार का दावा
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई गरीबों का हक बचाने और भ्रष्ट नेटवर्क को खत्म करने के लिए की जा रही है। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद राशन वितरण और ज्यादा पारदर्शी होगा।
अगला चरण
दूसरे चरण में कार्डधारकों के फिजिकल वेरिफिकेशन में और कड़ाई बरती जाएगी।
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