बिहार में लागू शराबबंदी कानून को लेकर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं। मांझी ने कहा कि शराबबंदी के बाद चोरी-छिपे जो शराब बनाई जा रही है, वह बेहद खतरनाक और जानलेवा है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक तरीके से शराब बनाने में करीब 8 दिन का समय लगता है, जिसमें इस्तेमाल होने वाले तत्व नुकसानदेह नहीं होते। लेकिन आज के समय में शराब तस्कर और माफिया सिर्फ दो घंटे के भीतर शराब तैयार कर रहे हैं, जिसके लिए यूरिया जैसे हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मांझी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी जहरीली शराब से लोगों की जान जा रही है और समाज पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सरकार से शराबबंदी कानून की जमीनी हकीकत की समीक्षा करने की मांग की।
उनके इस बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति में शराबबंदी कानून को लेकर बहस तेज होने की संभावना है।
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