बिहार में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर और भी खराब होने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट के दौरान हवा की गति धीमी पड़ जाती है, जिससे धूलकण और प्रदूषक वातावरण में अधिक समय तक मंडराते रहते हैं। इसके कारण AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।
इधर, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम सक्रिय हो गया है। राजधानी की प्रमुख सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ाया गया है, ताकि धूलकणों को दबाया जा सके और लोगों को कुछ राहत मिले। निगम के कर्मचारियों को व्यस्त सड़कों और बाजार क्षेत्रों में नियमित रूप से स्प्रे करने का निर्देश दिया गया है।
विशेषज्ञों ने नागरिकों को सुबह-शाम बाहर निकलते समय मास्क उपयोग करने और संवेदनशील वर्गों—जैसे बुजुर्ग, बच्चे और सांस के रोगियों—को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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