बिहार में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी तेज है और इसका सबसे अधिक असर नगर निगम क्षेत्रों पर पड़ने वाला है। जहां संपत्ति की खरीद-बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है, वहां सर्किल रेट में वृद्धि की जाएगी, ताकि रजिस्ट्री विभाग को अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।
अधिकारियों के अनुसार, जिन इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में फ्लैट, प्लॉट और कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ी है, उन क्षेत्रों के मूल्यांकन में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इससे संपत्ति की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, लेकिन सरकार को राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी मिलेगी।
इसी प्रक्रिया के तहत एमवीआर (Minimum Value Register) के पुनरीक्षण पर भी काम चल रहा है। इसके लिए नगर निगम के वार्डों में स्थित सड़कों की सूची तैयार की जा रही है। सड़क के महत्व, इलाके के विकास और बाजार दर को आधार बनाकर नई दरें तय होंगी।
राजस्व विभाग का कहना है कि नए सर्किल रेट लागू होने के बाद राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर की वास्तविक कीमतों और रजिस्ट्री मूल्य के बीच का अंतर कम होगा।
बिहार में जमीन-जायदाद से जुड़ी हर अपडेट के लिए पढ़ते रहें — मिथिला हिन्दी न्यूज.