देश में जल संकट और मिट्टी की गिरती गुणवत्ता को बचाने के लिए सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन नई योजनाएं लेकर आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत मिट्टी और पानी संरक्षण के लिए काम करने वाले व्यक्तियों, संगठनों और संस्थानों को 20 लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा।
क्या है यह योजना?
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए यह इनाम उन लोगों को मिलेगा, जो जल और मिट्टी के संरक्षण के क्षेत्र में अभिनव कार्य कर रहे हैं। इसमें किसान, पर्यावरण कार्यकर्ता, स्टार्टअप, गैर-सरकारी संगठन (NGO), स्कूल-कॉलेज और सामुदायिक संगठन भाग ले सकते हैं।
किन कार्यों पर मिलेगा पुरस्कार?
1. जल संरक्षण के उपाय: वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग), बूंद-बूंद सिंचाई तकनीक को अपनाने जैसी योजनाएं।
2. मिट्टी की गुणवत्ता सुधार: जैविक खेती, केमिकल-मुक्त कृषि, वनीकरण और भूमि पुनर्स्थापन से जुड़े प्रयास।
3. नवाचार और तकनीकी समाधान: ऐसी तकनीकें जो पानी की बर्बादी रोकें और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें।
4. सामुदायिक पहल: यदि कोई समूह या संगठन बड़े स्तर पर मिट्टी और पानी संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है तो उसे भी इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा सकता है।
कैसे करें आवेदन?
इस पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।
आवेदन पत्र भरने के साथ ही आपको अपने कार्यों का विस्तृत विवरण और प्रमाण देना होगा।
नामांकन की अंतिम तिथि (शासन द्वारा निर्धारित तिथि) तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
विजेताओं का चयन एक विशेष पैनल द्वारा किया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह पहल?
भारत में जल संकट एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। कई राज्यों में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है और कृषि योग्य भूमि बंजर होती जा रही है। इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना है, जिससे भविष्य में जल और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे।
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