उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें पहली बार बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा.
1991 में उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 1995 में उन्हें बेगूसराय की बखरी विधानसभा से टिकट दिया गया था. यहां भी उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2002 में कामेश्वर चौपाल को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. 2014 तक वे विधान परिषद के सदस्य ही रहे. 2024 में बीजेपी ने उन्हें फिर से लोकसभा चुनाव में उतारा. कामेश्वर चौपाल को सुपौल सीट से टिकट दिया गया. लेकिन यहां उन्हें जीत नहीं मिल पाई. 2020 में बिहार में डिप्टी सीएम पद के लिए भी उनका नाम खूब चर्चाओं में रहा था.बता दें कि 24 अप्रैल 1956 में जन्में कामेश्वर चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से स्नातक की परीक्षा पास की थी. 1985 में मिथिला विश्विद्यालय दरभंगा से उन्होंने एमए की डिग्री ली थी.