बिहार में बोर्ड, निगम और आयोगों के गठन को लेकर लंबे समय से चला आ रहा गतिरोध अब खत्म होने की उम्मीद है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस मसले को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने वाले हैं।
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📌 मुद्दे की जड़ क्या है?
➡ बिहार में कई बोर्ड, निगम और आयोगों में लंबे समय से नियुक्तियां रुकी हुई हैं।
➡ सरकार बनने के बाद से JDU और BJP के बीच इन पदों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।
➡ JDU चाहती है कि ज्यादा पद उसके हिस्से आएं, जबकि BJP भी अपने कोटे की हिस्सेदारी पर अड़ी हुई है।
➡ अब इस मामले में जेपी नड्डा के हस्तक्षेप के बाद फैसला जल्द लिया जा सकता है।
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⚖ किसे कितना मिलेगा हिस्सा?
✔ JDU और BJP के बीच 50-50 का फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।
✔ संभावना है कि JDU को प्रशासनिक बोर्डों में ज्यादा हिस्सेदारी दी जाएगी, जबकि BJP आर्थिक और व्यावसायिक बोर्डों पर अपना दबदबा बना सकती है।
✔ सहयोगी दलों (HAM और VIP) को भी कुछ हिस्सेदारी दी जा सकती है।
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🚨 राजनीतिक असर
➡ इस फैसले से NDA के भीतर असंतोष को कम किया जा सकेगा।
➡ JDU-BJP के बीच रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास होगा।
➡ महागठबंधन इस मुद्दे पर NDA को घेर सकता है और आरोप लगा सकता है कि यह गठबंधन सत्ता बंटवारे पर ही अटका हुआ है।
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🔜 आगे क्या?
📌 जेपी नड्डा की बैठक के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
📌 मार्च से पहले बोर्ड और आयोगों के गठन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
📌 इससे सरकार को राज्य में विकास योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी।
(इस राजनीतिक उठापटक की हर अपडेट के लिए पढ़ते रहें ‘मिथिला हिंदी न्यूज़’!)