बिहार की राजनीति एक बार फिर 'नीतीश कुमार बनाम विपक्ष' की लड़ाई की ओर बढ़ रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या 2025 में भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे, या इस बार सत्ता में बदलाव होगा? आइए NDA और महागठबंधन की ताकत को समझने की कोशिश करते हैं।
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📊 NDA की ताकत: क्या दोबारा सत्ता में आएंगे नीतीश कुमार?
➡ JDU और BJP की जोड़ी: नीतीश कुमार फिर से NDA के साथ आ गए हैं, जिससे BJP+JDU+HAM+VIP का गठबंधन मजबूत स्थिति में दिख रहा है।
➡ जातीय समीकरण: नीतीश कुमार की कोर वोट बैंक (कुर्मी-कोइरी+अति पिछड़ा वर्ग) और BJP के सवर्ण+बनिया+ओबीसी+दलित वोट मिलकर NDA को बढ़त दिला सकते हैं।
➡ मोदी फैक्टर: 2024 लोकसभा चुनाव में PM मोदी की लोकप्रियता का फायदा JDU-BJP गठबंधन को मिल सकता है।
➡ प्रशासनिक अनुभव: 'सुशासन बाबू' की छवि अभी भी नीतीश कुमार की सबसे बड़ी ताकत है, हालांकि हाल के दिनों में उन पर कई सवाल भी उठे हैं।
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🛑 महागठबंधन की चुनौती: क्या RJD+Congress खेल बिगाड़ेंगे?
➡ तेजस्वी यादव की अपील: महागठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा तेजस्वी यादव हैं, जो युवाओं को रोजगार और जातीय जनगणना के मुद्दे पर लुभा रहे हैं।
➡ MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण: RJD का सबसे बड़ा वोट बैंक मुस्लिम+यादव (MY फैक्टर) है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।
➡ कांग्रेस और वामपंथी दल: अगर कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां मजबूती से खेलती हैं, तो महागठबंधन का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।
➡ नीतीश पर 'विश्वासघात' का आरोप: महागठबंधन लगातार नीतीश कुमार के 'पलटी मार' फैसलों को मुद्दा बना रहा है, जिससे वोटर्स में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।
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⚖ कौन किस पर भारी?
📌 अगर NDA एकजुट रहा, तो 2025 में नीतीश कुमार फिर से सत्ता में आ सकते हैं।
📌 अगर महागठबंधन ने जातीय समीकरण को सही से साधा, तो मुकाबला टक्कर का होगा।
📌 तीसरा मोर्चा (प्रशांत किशोर, पप्पू यादव) भी चुनाव में फैक्टर बन सकता है।
👉 अभी बिहार की राजनीति में सबकुछ स्थिर नहीं है, लेकिन एक बात तय है – 2025 का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है!
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