पटना। जन सुराज के संस्थापक और रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार की राजनीति में सक्रिय कदम बढ़ाते हुए एक बार फिर सियासी हलचल तेज कर दी है। इस बार उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को निशाने पर लिया है और उन्हें सलाह दी है कि यदि वे वास्तव में बिहार की राजनीति में गंभीर हैं, तो सबसे पहले अपने पद से इस्तीफा दें।
प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान द्वारा शराबबंदी कानून को खत्म करने के वादे को हास्यास्पद करार देते हुए कहा, “यह वही कानून है जो 2016 में लागू हुआ था, जब वे खुद उपमुख्यमंत्री के पद पर थे। अब उसी कानून को खत्म करने की बात करना जनता को भ्रमित करने जैसा है।”
शराबबंदी को लेकर बिहार में वर्षों से राजनीतिक और सामाजिक बहस चल रही है। लेकिन पीके का कहना है कि “इस तरह की राजनीतिक दोहरी बातों से लोगों का भरोसा टूटता है।”
प्रशांत किशोर ने इस दौरान यह भी ऐलान किया कि वे अपनी जन सुराज यात्रा की नई शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव 'कल्याणबीघा' से करेंगे। उन्होंने कहा कि वहां से यात्रा शुरू कर वे बिहार के हर कोने में जाकर जनता से संवाद करेंगे और नया राजनीतिक विकल्प तैयार करेंगे।
बिहार की राजनीति में लगातार बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जन सुराज की यह नई रणनीति आने वाले चुनावों के मद्देनजर बेहद अहम मानी जा रही है।