पटना। केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि "हम संघियों को अपने एजेंडे पर नचाते रहेंगे।" लालू यादव ने दावा किया कि यह फैसला उनकी वर्षों की लड़ाई और सामाजिक न्याय की नीति की जीत है।
लालू यादव ने इस मौके पर 1996-97 की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि जब केंद्र में जनता दल की सरकार थी, तब ही जातिगत जनगणना का निर्णय ले लिया गया था। लेकिन बाद में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने इस फैसले को लागू नहीं किया।
राजद प्रमुख ने यह भी बताया कि उन्होंने संसद में कई बार जोरदार तरीके से जातीय जनगणना की मांग उठाई थी। उनका कहना है कि जातीय आंकड़े सामने आने से समाज के वंचित वर्गों को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
लालू यादव ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हमारी बातें मजबूती से उठती हैं, तो इन्हें भी जनता के दबाव में आकर हमारे एजेंडे को अपनाना पड़ता है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान लोकसभा चुनाव से पहले सामाजिक न्याय की राजनीति को और धार देने की कोशिश है। आने वाले समय में जातीय जनगणना का मुद्दा राजनीतिक बहस का प्रमुख विषय बना रह सकता है।