नई दिल्ली: भारत सरकार और दिल्ली पुलिस द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णय के अनुसार अब आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। नागरिकता साबित करने के लिए अब केवल दो दस्तावेज़ ही मान्य होंगे – वोटर आईडी कार्ड और भारतीय पासपोर्ट।
इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण यह है कि आधार, पैन और राशन कार्ड पहचान और सेवाओं के लाभ के लिए तो जरूरी हैं, लेकिन ये यह साबित नहीं करते कि व्यक्ति भारत का नागरिक है। कई बार देखा गया है कि अवैध प्रवासी जैसे कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक झूठे दस्तावेजों के सहारे भारत में निवास कर रहे हैं। ऐसे मामलों पर सख्ती बरतते हुए अब दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां नागरिकता की पुष्टि केवल वैध दस्तावेजों से करेंगी।
नागरिकता के मान्य दस्तावेज:
1. वोटर आईडी कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) – निर्वाचन आयोग द्वारा जारी यह दस्तावेज भारत के नागरिक को ही दिया जाता है, और यह मताधिकार का अधिकार भी देता है।
2. भारतीय पासपोर्ट – यह विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकता का सबसे मान्य प्रमाण माना जाता है।
क्यों लिया गया यह कदम?
इस कदम के पीछे सरकार की मंशा है कि भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जा सके और नागरिकता के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को रोका जा सके। विशेषकर बांग्लादेश और म्यांमार से आकर बसे रोहिंग्या लोगों के दस्तावेजों की गहराई से जांच हो रही है।
जनता के लिए जरूरी सलाह:
अगर आपके पास वोटर आईडी या पासपोर्ट नहीं है, तो जल्द से जल्द इन दस्तावेजों के लिए आवेदन करें।
आधार, पैन और राशन कार्ड केवल पहचान, आय और खाद्य सुरक्षा से जुड़े लाभों के लिए हैं – इनका उपयोग नागरिकता सिद्ध करने के लिए न करें।
कोई भी नया दस्तावेज बनवाने से पहले उसकी वैधता और स्रोत की पुष्टि अवश्य करें।
इस फैसले से एक ओर जहां प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी मदद मिलेगी। सरकार नागरिकों से अपील कर रही है कि वे अपने दस्तावेजों को समय रहते अपडेट कर लें ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।
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