जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। यह सीट पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है और यहां का राजनीतिक इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है।
पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की रश्मि वर्मा ने कांग्रेस के विनय वर्मा को हराकर जीत हासिल की थी। भाजपा की रश्मि वर्मा वर्तमान विधायक हैं और माना जा रहा है कि पार्टी एक बार फिर उन पर भरोसा जता सकती है। उनका प्रशासनिक अनुभव और कार्यशैली स्थानीय मतदाताओं के बीच एक मजबूत छवि बनाए हुए है।
दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व विधायक विनय वर्मा भी इस बार अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार कर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। विनय वर्मा ने 2015 में इस सीट पर जीत हासिल की थी और आज भी क्षेत्र में उनका प्रभाव बना हुआ है।
इसके अलावा जदयू, राजद, और लोजपा जैसे दलों से भी कुछ नए चेहरों के आने की संभावना जताई जा रही है। जातीय समीकरण, युवाओं का समर्थन और विकास के मुद्दे इस बार चुनाव की दिशा तय करेंगे। नरकटियागंज में कुर्मी, यादव, राजपूत, मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है, जो किसी भी प्रत्याशी के भाग्य का फैसला कर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यदि महागठबंधन ने यहां कोई मजबूत उम्मीदवार उतारा तो मुकाबला त्रिकोणीय भी हो सकता है। हालांकि, फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला ही संभावित दिख रहा है।
कुल मिलाकर नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र में सियासत की गर्मी अभी से महसूस की जा रही है, और आने वाले महीनों में यह मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है।
संपादक – रोहित कुमार सोनू
मिथिला हिन्दी न्यूज