पश्चिम चंपारण ज़िले के लौरिया विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो चुकी हैं। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्रीय जनता के बीच चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। विभिन्न राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवार मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, वहीं जनता अपने विकास, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के मुद्दों को लेकर सवाल कर रही है।
1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) – विनय बिहारी (संभावित उम्मीदवार)
पूर्व विधायक और मंत्री रहे विनय बिहारी एक बार फिर से चुनावी रणभूमि में उतर सकते हैं। उनका क्षेत्र में जनाधार अच्छा माना जाता है और संगीतकार से नेता बने विनय बिहारी का युवाओं में खासा प्रभाव है।
2. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) – रामवृक्ष साह (संभावित चेहरा)
राजद की ओर से रामवृक्ष साह एक मज़बूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। पिछड़े और दलित वर्ग में उनकी पकड़ अच्छी है और वे सामाजिक न्याय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते रहे हैं।
3. जनता दल (यूनाइटेड) – नवल किशोर चौधरी (संभावित नाम)
जेडीयू से नवल किशोर चौधरी का नाम सामने आ रहा है। वे संगठन के पुराने कार्यकर्ता हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का प्रचार-प्रसार करते रहे हैं। अगर एनडीए में सीटों का तालमेल बदला, तो यह नाम अहम हो सकता है।
4. कांग्रेस – दीपक सिंह (संभावित दावेदार)
कांग्रेस की ओर से दीपक सिंह एक नया चेहरा हो सकते हैं जो युवा वर्ग को आकर्षित करने के प्रयास में हैं। वे शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे हैं।
5. निर्दलीय और नए दलों के उम्मीदवार
लौरिया क्षेत्र में कुछ निर्दलीय और नए राजनीतिक दलों के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक और डॉक्टर जैसे पेशेवर शामिल हैं, जो "परिवर्तन" की बात कर रहे हैं।
विकास बनाम जातीय समीकरण
लौरिया की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से प्रभावशाली रहे हैं, लेकिन इस बार युवाओं और किसानों के मुद्दों को लेकर विकास को प्राथमिकता देने की चर्चा है। बेरोजगारी, शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य जैसी समस्याएँ आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।
जनता की भूमिका सबसे अहम
अंततः इस बार चुनाव में जनता की भूमिका निर्णायक रहेगी। सोशल मीडिया, जनसभाएँ, और डिजिटल प्रचार अब ग्रामीण इलाकों तक पहुँच चुके हैं, जिससे जागरूकता बढ़ी है।
🖊️ संपादक: रोहित कुमार सोनू
📍 मिथिला हिन्दी न्यूज
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