पटना: बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा जुर्माना राशि जमा नहीं करने वाले प्रधानाध्यापकों (HM) के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिसंबर 2024 में ही जारी कर दिया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 20 मई 2025 तक एक भी एचएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है।
विभागीय आदेशों को नजरअंदाज कर रहे अधिकारी
इस मामले में शिक्षा विभाग ने साफ निर्देश दिए थे कि जो भी एचएम निर्धारित समयसीमा तक जुर्माना राशि जमा नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे विभागीय आदेशों की अनदेखी हो रही है।
प्रशासनिक सुस्ती या मिलीभगत?
सूत्रों के अनुसार, जिला स्तर के कई अधिकारी इन मामलों को लेकर गंभीर नहीं हैं। कुछ मामलों में तो ऐसे एचएम के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई, न ही उनसे जवाब-तलब किया गया। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या यह प्रशासनिक सुस्ती है या किसी स्तर पर मिलीभगत?
शिक्षा विभाग की छवि पर असर
इस प्रकार की अनदेखी से शिक्षा विभाग की सख्ती और पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। अगर जुर्माना वसूली और कार्रवाई दोनों में शिथिलता रही, तो इससे विभाग की साख को नुकसान हो सकता है।