दुनिया भर में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। एशिया, यूरोप और अमेरिका के कई देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेज़ इज़ाफा देखा जा रहा है। कई देशों में तो अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जिससे स्वास्थ्य तंत्र पर दबाव बढ़ रहा है। भारत में भी स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं है, और नए मामलों को लेकर चिंता गहराने लगी है।
भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति
हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 250 के पार पहुंच चुकी है। केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में नए केस सामने आ रहे हैं। हालांकि लक्षण अधिकतर मामलों में हल्के हैं, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह वेरिएंट खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
JN.1 वेरिएंट बना चिंता का कारण
इस बार संक्रमण के पीछे मुख्य रूप से JN.1 वेरिएंट को ज़िम्मेदार माना जा रहा है, जो ओमिक्रॉन का ही एक नया सबवेरिएंट है। यह वेरिएंट तेजी से फैलने की क्षमता रखता है और वैक्सीनेटेड लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, हालांकि गंभीर लक्षण कम देखने को मिल रहे हैं।
अस्पतालों में बढ़ी तैयारी
देश के कई बड़े अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है। आइसोलेशन वार्ड, ICU बेड्स और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने और टेस्टिंग की संख्या बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अभी से अगर सतर्कता नहीं बरती गई, तो स्थिति हाथ से निकल सकती है। मास्क का उपयोग, हाथों की सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पुराने नियम फिर से अपनाने की ज़रूरत है।
क्या करें, क्या न करें
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क अवश्य पहनें
हल्के लक्षण होने पर तुरंत टेस्ट कराएं
बुजुर्ग और बीमार लोग खास सतर्कता बरतें
बूस्टर डोज़ के लिए योग्य लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लें
हालांकि फिलहाल भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जितनी जल्दी हम सतर्क होंगे, उतनी ही जल्दी संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकेगा।
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