पटना: बिहार सरकार ने राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति के पालन को लेकर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों से आरक्षण से संबंधित रिपोर्ट तलब की है और उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि निजी संस्थानों में भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के लिए तय आरक्षण का पालन पूरी पारदर्शिता और संवैधानिक दायरे में किया जा रहा है या नहीं।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यदि किसी विश्वविद्यालय में आरक्षण नियमों के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो कार्रवाई भी तय है। यह कदम शैक्षणिक न्याय और सामाजिक समावेश को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय निजी शिक्षा संस्थानों में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।