बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। राज्य में 25 जून से 26 जुलाई तक "विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR)" चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
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🔍 क्या है इस पुनरीक्षण का उद्देश्य?
वोटर लिस्ट को शुद्ध और अद्यतन बनाना।
फर्जी मतदाताओं को हटाना और योग्य नए मतदाताओं को जोड़ना।
मृतकों और स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को हटाना।
नए मतदाता पहचान पत्रों की प्रक्रिया को तेज करना।
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📊 कितने मतदाता होंगे शामिल?
वर्तमान में बिहार में कुल 7,89,69,844 पंजीकृत मतदाता हैं।
यह संख्या फॉर्म-6, 7, 8 और 8A के माध्यम से अपडेट की जाएगी।
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📦 क्या हो रहा है इस दौरान?
नए गणना फार्मों की छपाई और हर घर में वितरण शुरू हो चुका है।
BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) मतदाताओं से फॉर्म लेकर वैध दस्तावेज मांग रहे हैं।
हर BLO को एक-एक घर का डेटा मैन्युअली और डिजिटल दोनों फॉर्म में इकट्ठा करना है।
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📅 आगे की प्रक्रिया
30 सितंबर 2025 को नई मतदाता सूची प्रकाशित होगी।
उसके बाद अंतिम नामांकन और संशोधन की प्रक्रिया चलेगी।
इसके बाद ही बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।
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🔥 सियासत भी गरम
विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
वहीं राज्य सरकार और ECI ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने का कदम बताया है।
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🗣️ चुनाव आयोग का संदेश
> "हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में होना चाहिए और हर अयोग्य नाम को हटाना जरूरी है। निष्पक्ष चुनाव के लिए यह गहन पुनरीक्षण अत्यंत जरूरी है।"