बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर बहस तेज हो गई है। इस बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्य के कई क्षेत्रों में फर्जी वोटरों की संख्या 25 से 30 हजार तक है।
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🗣️ मांझी का साफ संदेश:
> "हमको अच्छे से मालूम है कि राज्य में कहां-कहां फर्जी वोटर बने हुए हैं। जब ऐसे फर्जी नाम हटेंगे तो डर उन्हें ही लगेगा जो गलत हैं।"
मांझी का यह बयान उस समय आया है जब निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चलाया जा रहा है।
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🎯 राजनीतिक निहितार्थ
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मांझी का यह बयान उन दलों पर निशाना है जो मतदाता सत्यापन अभियान का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यह भी संकेत दिया कि कुछ पार्टियां फर्जी वोटरों के भरोसे चुनाव जीतने की सोचती हैं।
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🗳️ चुनाव आयोग की तैयारी
30 सितंबर तक बिहार की नई वोटर लिस्ट प्रकाशित होनी है।
घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन और दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
नकली वोटर या दोहरी प्रविष्टियों को सूची से हटाया जाएगा।
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📌 निष्कर्ष:
जीतनराम मांझी का यह बयान स्पष्ट करता है कि आगामी चुनाव में मतदाता सूची की शुद्धता एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।
उनका यह दावा विपक्ष के लिए चुनौती बन सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां फर्जी वोटिंग की आशंका जताई जाती रही है।