मां जानकी की नगरी सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। मंदिर परिसर में पहले से ही 17 एकड़ भूमि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के नियंत्रण में उपलब्ध है। अब इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थल के समग्र विकास के लिए 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता बताई गई है।
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🛕 मंदिर निर्माण की योजना में क्या है विशेष?
सीतामढ़ी को मां जानकी की जन्मस्थली माना जाता है। इसे हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र बनाते हुए यहां एक भव्य और विश्वस्तरीय मंदिर परिसर के निर्माण की योजना है। योजना में निम्नलिखित शामिल हैं:
जानकी मंदिर का मुख्य गर्भगृह और शिखर
भक्तों के लिए ध्यान केंद्र और प्रवचन हॉल
पार्किंग और तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा
हरे-भरे उद्यान और जलाशय
पौराणिकता को दर्शाने वाला संग्रहालय
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📍 वर्तमान भूमि स्थिति:
17 एकड़ भूमि: मंदिर परिसर में पहले से उपलब्ध (धार्मिक न्यास बोर्ड के अंतर्गत)
50 एकड़ भूमि: अतिरिक्त जरूरत राज्य सरकार से माँगी गई
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🗣️ अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
धार्मिक न्यास बोर्ड के सूत्रों के अनुसार:
> "सीतामढ़ी में जानकी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक होगा। सरकार को इस दिशा में त्वरित निर्णय लेना चाहिए ताकि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।"
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🌐 क्यों जरूरी है अतिरिक्त भूमि?
1. भक्तों की भीड़ को देखते हुए विस्तृत व्यवस्थाएं जरूरी हैं
2. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदिर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना
3. रामायण सर्किट के प्रमुख पड़ाव के रूप में सीतामढ़ी को पहचान दिलाना