बिहार की राजनीति में एक बार फिर रिश्तेदारी आधारित नियुक्तियों की चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में बिहार सरकार द्वारा गठित एससी (अनुसूचित जाति) आयोग में दो प्रमुख पदों पर की गई नियुक्तियों को लेकर सियासी हलचल मच गई है।
मृणाल पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के जीजा हैं, को एससी कमीशन का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इन दोनों नेताओं की पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए विपक्ष द्वारा "नेपोटिज़्म" और "राजनीतिक समझौते" का आरोप भी लगना शुरू हो गया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजनीतिक गठजोड़ को मजबूत रखने के लिए ये नियुक्तियां की गई हैं, जिससे एनडीए के भीतर संतुलन बना रहे।
हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने यह नियुक्तियां 2025 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई रणनीति का हिस्सा मानी जा रही हैं।