सुप्रीम कोर्ट में संजय झा की बेटियों की नियुक्ति पर राजद का हमला, कहा- “ये भी क्या संयोग है?”


संवाद 

पटना। बिहार की राजनीति में "दामाद बनाम जनता" की बहस अभी थमी भी नहीं थी कि अब राजद ने जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की बेटियों की नियुक्ति को लेकर नया मुद्दा उठा दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का वकील बनाए जाने में भी सत्ता का “गुप्त आशीर्वाद” शामिल है।

राजद नेताओं ने सवाल खड़ा किया कि –

> "क्या केंद्र सरकार में वरिष्ठ वकीलों की कोई कमी हो गई थी, जो सीधा किसी राजनेता की बेटियों को नियुक्त किया गया? क्या यह केवल संयोग है या सत्ता के प्रभाव का एक और उदाहरण?"



तेजस्वी यादव ने भी बिना नाम लिए इस मुद्दे को उठाया और कहा कि –

> "बिहार में जनता के बच्चे तैयारी करते रह जाते हैं और नेताओं के रिश्तेदार सीधी नियुक्तियों से पद पा जाते हैं।"



राजद ने आरोप लगाया कि जब एनडीए नेताओं के दामादों को राज्य आयोगों और बोर्डों में नामित किया जा रहा था, तब इसे “योग्यता” बताया गया। अब केंद्रीय नियुक्तियों में भी राजनीतिक परिवारों को तवज्जो दी जा रही है।

हालांकि, जेडीयू या संजय झा की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह मामला गरमाने लगा है।

राजनीतिक परिवारों को मिल रहे सरकारी लाभ को लेकर विपक्ष अब लगातार हमलावर है और इसे "नेपोटिज़्म बनाम मेरिट" का मुद्दा बना रहा है।




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