पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों एनडीए नेताओं के दामादों की सरकारी बोर्डों और समितियों में नियुक्तियों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मुद्दे को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि "अब बिहार सरकार को 'जमाई आयोग' का गठन कर देना चाहिए।"
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि –
> "बिहार में काबिल लोगों को नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल के नेताओं के रिश्तेदारों और दामादों को मलाईदार पदों पर बैठाया जा रहा है। क्या अब योग्य होने के लिए किसी बड़े नेता का जमाई होना जरूरी है?"
तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता को नौकरी नहीं मिल रही, लेकिन सत्ताधारी परिवारों के दामादों को आराम से पद मिल रहे हैं।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि –
> "बिहार में प्रतिभा और मेहनत की कोई कीमत नहीं रह गई है। सिर्फ रिश्तेदार होना ही सबसे बड़ा योग्यता प्रमाणपत्र बन गया है।"
इस पूरे बयान पर जदयू और बीजेपी नेताओं की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन तेजस्वी के इस बयान के बाद राज्य की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है।