पटना। बिहार में एक बार फिर किसी राजनेता के बेटे के गायब होने की खबर ने सनसनी फैला दी है। हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना सामने आई है। इससे पहले भी राजनीतिक परिवारों को इस तरह के झटके लगे हैं।
एक पुराने मामले की बात करें तो नीतीश सरकार में श्रम मंत्री रहे संतोष सिंह ने खुद दावा किया था कि साल 2005 में उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया था। इस घटना ने उस समय भी राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे।
बिहार में राजनेताओं और उनके परिवारों को लेकर ऐसी घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार उठते सवालों के बीच, विपक्ष भी इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
अब देखना यह होगा कि गायब हुए बेटे की तलाश में पुलिस कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कोई सकारात्मक संदेश दे पाती है।