पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में 'दामाद' एक नया राजनीतिक मुद्दा बनकर उभर गया है। अब इस बहस में हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है।
जीतनराम मांझी ने कहा,
> "जो अपने परिवार का नहीं हो सका, वो किसी और का कैसे होगा? तेजस्वी यादव बार-बार दामाद की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह अपने भीतर की कमजोरी छुपाना चाहते हैं।"
मांझी ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी व्यक्तिगत मुद्दों को उठाकर जनता को असल मुद्दों से भटकाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार चाहिए, किसानों को सुविधा चाहिए, लेकिन नेता मुद्दा बना रहे हैं किसी के दामाद या बहनोई को।
बता दें कि हाल ही में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर 'दामाद और जमाई आयोग' की तर्ज पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में मांझी का यह बयान सामने आया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनावी साल में 'परिवारवाद बनाम जनहित' की बहस अब तेज हो सकती है।