पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विधानमंडल का मौजूदा सत्र बेहद अहम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सत्र में नीतीश कुमार की सरकार जनता को लुभाने के लिए कई लोक-लुभावन विधेयकों को पास करा सकती है। इसका उद्देश्य चुनाव से पहले सरकार की सकारात्मक छवि गढ़ना और मतदाताओं को प्रभावित करना है।
किन विधेयकों पर हो सकती है चर्चा?
जानकारों के मुताबिक, इस सत्र में सरकार जिन विधेयकों पर काम कर सकती है, उनमें शामिल हैं:
युवाओं के लिए रोजगार और ट्रेनिंग योजनाएं
महिलाओं के लिए स्वरोजगार और सुरक्षा से जुड़े प्रस्ताव
पंचायत प्रतिनिधियों और शिक्षकों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं और मुफ्त दवा योजनाओं का विस्तार
कृषि क्षेत्र में सब्सिडी और समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी
क्यों है यह सत्र महत्वपूर्ण?
चुनाव से पहले यह अंतिम प्रमुख सत्र हो सकता है, जहां सरकार नीतिगत फैसलों को अमलीजामा पहना सकती है। साथ ही, विपक्ष के लिए यह सरकार को घेरने का अंतिम मौका होगा, इसलिए सदन में तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिल सकते हैं।
विपक्ष की नजर
राजद और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों का कहना है कि यह सत्र सिर्फ दिखावे के लिए होगा, जिसमें सरकार केवल घोषणाएं करेगी लेकिन उन्हें लागू करने का कोई ठोस रोडमैप नहीं होगा।